TOP BEST HINDI STORY SECRETS

Top best hindi story Secrets

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गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनंद की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री

मुकेश को अब स्कूल और घर के बीच किसी प्रकार की गंदगी दिखाई नहीं देती थी। इसे देखकर वह काफी खुश होता था।

बहुत पहले की बात है, खासी जन समूह में कानन नाम की एक खूबसूरत लड़की थी। एक बार एक बाघ ने उसे पकड़ लिया और गुफा में ले गया। जब भूखे बाघ ने लड़की को देखा, तो उसने महसूस किया कि वह लड़की उसकी भूख को संतुष्ट करने के लिए बहुत छोटी है। इसलिए उसने उसे बड़े होने तक कुछ समय के लिए रखने का फैसला किया।

नैतिक शिक्षा – दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।

इस कहानी से हमे क्या नैतिक शिक्षा मिलती है?

उनकी पूरी योजना जानने के लिए हमारा पॉडकास्ट सुनें ।

काफी देर भटकने के बाद उसे जोर से भूख और प्यास लगी।

As Ranganath navigates the advanced World wide web of village politics, corruption, and social hierarchies, the novel exposes the hypocrisy and ethical decay commonplace in The agricultural Indian Culture of some time. The title “

मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।

(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी

अगले दिन दूसरे भाई ने सावित्री को अपने सफ़ेद मैले कपडे धोने के लिए भेजा और जानबूझकर उसे साबुन नहीं दिया। तालाब पर पहुंच कर सावित्री रोने लगी। तभी वहां से एक सारस निकला और रोती हुई सावित्री को देख कर उसकी मदद के लिए रुक गया। सरस कपड़ों पर लोटने लगा जिस से कपडे दूध जैसे सफ़ेद हो गए। सावित्री ख़ुशी ख़ुशी कपडे best hindi story ले कर घर चली गई।

किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे

एक दिन राजा के नौकर ने ब्राह्मण से बक्शीश मांगी। ब्राह्मण कोई जवाब दिए बिना वहां से चला गया। नौकर ने ब्राह्मण को सबक सिखाने की ठानी। अगले दिन नौकर ने ब्राह्मण से कहा की राजा तुम से नाराज हैं क्योंकि उन्हें तुम्हारे मुँह से दुर्गन्ध आती है। ब्राह्मण घबरा गया और अगली बार राजा से मिलने अपने नाक मुँह पर कपड़ा रख कर गया।

कहानी एक बड़ा सबक देती है कि हमें अपने दोस्तों का चयन बहुत ध्यान से करना चाहिए।

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